Posts

Showing posts from 2018

कालेज के तीन साल भाग 5

Image
नमस्कार मित्रो ! हम पढ़ रहे   है    देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार   के छात्र    गौरव कलौनी   की लिखी कहानी जिसका नाम है ,   कालेज के तीन साल  | यह कहानी वास्तिविक है   उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के   तीन वर्षो का अनुभव शेयर किया है | अब तक   हमने पढ़ा कैसे गौरव ने अपने कालेज का सफ़र शुरू किया जिसमे कुछ परेशानी तो हुई लेकिन बहुत कुछ सिखने को मिला | उसकी मुलाकात कुछ दोस्तों से हुइ जिन्होंने उसे कभी अकेला न होने दिया | वह एक सफल शुरुआत की ओर अग्रसर था | मुलाकातो के उस दौर में कुछ   और   दोस्तों का मिलना हुआ | साथ ही कुछ लोगो से अनबन भी हुई लेकिन एक ऐसा पल भी उनकी जिन्दगी में आया जिसने उन्हें दीवाना बना दिया | और उनकी दोस्ती की लिस्ट में कुछ अन्य नाम जुड़े जो थे तो अनजाने होने के बाद भी पारिवारिक लेकिन लग रहे थे | उन्होंने अपने प्रिय खेल को भुनाते हुए नये खेल को अपने जीवन में उतारा, नियमित रूप से अभ्यास करने लगे | जिस दिन उनका परीक्षा परिणाम आया वह हैरान रह गये जहा एक तरफ 65 % वाला खुश है तो कोई 80 % लाकर भी द...

कालेज के तीन साल भाग 4

Image
नमस्कार मित्रो ! हम पढ़ रहे  है   देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार  के छात्र    गौरव कलौनी   की लिखी कहानी जिसका नाम है ,   कालेज के तीन साल  | यह कहानी वास्तिविक है  उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के  तीन वर्षो का अनुभव शेयर किया है |  अब तक  हमने पढ़ा कैसे गौरव ने अपने कालेज का सफ़र शुरू किया जिसमे कुछ परेशानी तो हुई लेकिन बहुत कुछ सिखने को मिला | उसकी मुलाकात कुछ दोस्तों से हुइ जिन्होंने उसे कभी अकेला न होने दिया| वह एक सफल शुरुआत की ओर अग्रसर था | मुलाकातो के उस दौर में कुछ  और  दोस्तों का मिलना हुआ | साथ ही कुछ लोगो से अनबन भी हुई लेकिन एक ऐसा पल भी उनकी जिन्दगी में आया जिसने उन्हें दीवाना बना दिया | और उनकी दोस्ती की लिस्ट में कुछ अन्य नाम जुड़े जो थे तो अनजाने होने के बाद भी पारिवारिक लेकिन लग रहे थे | उन्होंने अपने प्रिय खेल को भुनाते हुए नये खेल को अपने जीवन में उतारने लगे जो उन्हें बहुत कुछ सिखाने वाला था | अब आगे..... पहला भाग पढने के लिए यहा क्लिक करे:-  भाग 1   दूसरा भाग पढने के लिए य...

कालेज के तीन साल भाग 3

Image
नमस्कार मित्रो ! हम पढ़ रहे  है   देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार  के छात्र    गौरव कलौनी   की लिखी कहानी जिसका नाम है ,   कालेज के तीन साल  | यह कहानी वास्तिविक है  उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के  तीन वर्षो का अनुभव शेयर किया है |  अब तक  हमने पढ़ा कैसे गौरव ने अपने कालेज का सफ़र शुरू किया जिसमे कुछ परेशानी तो हुई लेकिन बहुत कुछ सिखने को मिला | उसकी मुलाकात कुछ दोस्तों से हुइ जिन्होंने उसे कभी अकेला न होने दिया| वह एक सफल शुरुआत की ओर अग्रसर था | मुलाकातो के उस दौर में कुछ  और  दोस्तों का मिलना हुआ | साथ ही कुछ लोगो से अनबन भी हुई लेकिन एक ऐसा पल भी उनकी जिन्दगी में आया जिसने उन्हें दीवाना बना दिया | और भी बहुत कुछ घटित हुआ उनके साथ |    अब आगे..... पहला भाग पढने के लिए यहा क्लिक करे:-  भाग 1   दूसरा भाग पढने के लिए यहा क्लिक करे:-  भाग 2       शुरू करते है कहानी का अगला भाग (भाग 3).... इसी बीच हम अब भी कुछ उधेड़बुन मे लगे हुए थे... कि 6  महिनों का ...

कालेज के तीन साल भाग 2

Image
नमस्कार मित्रो ! हम पढ़ रहे  है   देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार  के छात्र    गौरव कलौनी   की लिखी कहानी जिसका नाम है ,   कालेज के तीन साल  | यह कहानी वास्तिविक है  उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के  तीन वर्षो का अनुभव शेयर किया है |  पिछले  भाग   मे हमने पढ़ा कैसे गौरव ने अपने कालेज का सफ़र शुरू किया जिसमे कुछ परेशानी तो हुई लेकिन बहुत कुछ सिखने को मिला | उसकी मुलाकात कुछ दोस्तों से हुइ जिन्होंने उसे कभी अकेला न होने दिया| वह एक सफल शुरुआत की ओर अग्रसर था |  अब आगे..... पहला भाग पढने के लिए यहा क्लिक करे:-  भाग 1     शुरू करते है कहानी का अगला भाग (भाग 2).... मुलाकातों के उस दौर में... योगा की सामूहिक कक्षाओं के दौरान... अपने अग्रज पर टिप्पणी करने पर जब मार पीट की नौबत आ गई थी तो... फिर से एक भाई ने बीच-बचाव कर मामला सुलझाया...  लंबी कद काठी का... दुबला पतला सा... सर पर टोपी लगाये...   दढ़ियल ... किसे पता था कि उससे एक ऐसा रिश्ता बन जाएगा जो कई मत भेदो (वैचारिक मतभेद) और...

कालेज के तीन साल भाग 1

Image
नमस्कार मित्रो आज  हम पढ़ते है   देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार  के छात्र    गौरव कलौनी की लिखी कहानी जिसका नाम है ,  कालेज के तीन साल | यह कहानी वास्तिविक है  उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के  तीन वर्षो का अनुभव शेयर किया है | आइये शुरू करते है.... एक मस्त-मलंग सा, अनगढ़ सा बालक 3 साल पहले एक अंजान से सफर पर निकल पड़ा था | सफर कुछ ऐसा जो बिलकुल ही भिन्न था | रहन-सहन में भिन्न... बोल-चाल में भिन्न... खान-पान में भिन्न... हर प्रकार से उसकी पिछली जिन्दगी से भिन्न होने वाला था ये सफर.. या यूँ कहें कि एक आजाद आवारा परिंदे को जंजीरों  में कैद किया जाने वाला था... वो कैद जो किसी ने नहीं चुनी उसके लिए बल्कि उसने उन जंजीरों को स्वयं से चुना था... या हो सकता है कि कहीं बहुत सूक्ष्म में कोई अंजान सी शक्ति उसे उस सफर पर खींचती चली जा रही थी... उसकी समझ इतनी विकसित नहीं थी कि वह यह सब समझ पाता.... वहाँ जाने के बाद माँ-बाप का परेशान चेहरा देख कर (माँ-बाप परेशान थे क्योंकि वे वाकिफ थे अपने बेटे के बंजारा मिज़ाज़ी से, वे सोच रहे थे कि उनका बेटा इ...

हृदयरोग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

Image
लोग हृदय में उलझते हैं , वे हृदय की शब्दावली में भी उलझ रहे हैं। सो कुछ बातों से अवगत कराना आवश्यक हो जाता है।  इन शब्दों का प्रयोग बहुधा हृदय-रोग-विशेषज्ञ करते हैं : मायोकार्डियल इन्फार्क्शन , एंजायना पेक्टोरिस , एरिद्मिया और कार्डियल एरेस्ट।  अब चारों पर बात और साथ-साथ कुछ आम अस्पष्ट शब्दों पर भी। मनुष्य के पास एक ह्रदय है , जो एक मांस का लोथड़ा है। खोखला है। जीवन भर धड़कता है। शरीर से आते ख़ून से भरता है , शरीर को फिर ख़ून फेंकता है। लेकिन इस मज़दूर को भी ख़ुराक चाहिए। नहीं तो यह भी कमज़ोर हो सकता है। घायल हो सकता है। मर भी सकता है।  सबको ख़ून देने वाले हृदय को ख़ून देने वाली तीन धमनियाँ हैं , जिन्हें कोरोनरी धमनियाँ कहा गया है। इन धमनियों में अगर रक्तप्रवाह आधा-अधूरा या पूरा अवरुद्ध होगा तो हृदय के लिए समस्याएँ पैदा होगी।  ये समस्याएँ ही ऊपर के चिकित्सकीय नामों में आपको बताई गयी हैं। कोई धमनी पूरी तरह खून के थक्के से बन्द हो जाए , तो जिस हिस्से में वह खून पहुँचाती हो , वह मर जाए। हृदय का उतना मांस मृत। यह मायोकार्डियल इन्फार्क्शन हुआ। इसे ही आम भाषा में जनता कई बार हा...